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khaskhabar.com : शुक्रवार, 03 जुलाई 2020 11:37 AM
जयपुर। कोविड-19 महामारी के दौरान जयपुर शहर में जनता कर्फ्यू के बाद हुए लॉकडाउन में पुलिस अपराधों पर अंकुश लगाने में कामयाब हो गई थी लेकिन करीब ढाई माह बाद शहर ऑनलाक होते ही अपराध धीरे-धीरे वापस से गति पकडऩे लगा है। देखा जाए तो बड़े अपराध में अभी तक कमी है, वहीं छोटे अपराध चोरी, नकबजनी, वाहन चोरी व मोबाइल-पर्स लूट की वारदातों में बढ़ोतरी हुई है।
सूत्रों के अनुसार, शहर के ऑनलाक होने के बाद से पर्स व मोबाइल लूट की वारदातों में बढ़ोतरी हुई है। जिसके चलते अपराध के ग्राफ ने भी गति पकडऩा शुरू कर दिया है। लॉकडाउन में जयपुर से बाहर गए बदमाशों के वापस लौटने पर अपराधिक वारदात ओर भी तेजी से बढ़ेगी। अभी तक जयपुर में मौजूदा सक्रिय बदमाशों की ओर से चोरी, लूट की वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है। कम नकदी होने या किसी विवश्ता के कारण पीडि़त भी पुलिस के पास शिकायत लेकर नहीं पहुंच रहे है।
जयपुर में 799 हिस्ट्रीशीटर : जयपुर कमिश्नरेट में 799 हिस्ट्रीशीटर है। पुलिस आकड़ों को देखा जाए तो जयपुर के पूर्व जिले में 128, पश्चिम जिले में 231, उत्तर जिले में 290 और दक्षिण जिले में 150 अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खुली हुई है। जयपुर शहर में सक्रिय कई छोटे बदमाशों पर हिस्ट्रीशीटरों का हाथ है, जिसके कारण अपराध बढ़ रहा है। सूत्र बताते है कि वहीं, दूसरी ओर कोरोना महामारी के दौरान हजारों की संख्या में बेरोजगार हुए युवा भी नशे व अपराध की ओर कदम बढ़ा रहे है। माना जाए तो अपराध में बेरोजगारों के उतरने पर अपराध का ग्राफ इतनी ऊंचाई पर पहुंच जाएगा, उस पर नकेल लगाना पुलिस के लिए भारी साबित होगा।
अपनी सुरक्षा अपने हाथ: कोरोना महामारी में जहां व्यवस्थाओं को पुलिस संभालने में जी-जान से लगी है। वहीं, दूसरी ओर आर्थिक तंगी से जूझ रहे बदमाश छोटी रकम के लिए भी आमजन से अपराधकारित कर रहे है। लोगों से 200-500 रुपए तक छीने जाने के मामले जयपुर शहर में सुनने को आराम से मिल सकते है। किसी अपराधिक वारदाता का शिकार होने से बचना आमजन के लिए खुद के हाथ ही है। खास खबर की ओर से जनहित में सुझाव दिया जाता है कि जरूरी काम होने पर ही घर से बाहर निकले। घर से बाहर निकले, तो सचेत होकर जाऐ। किसी व्यक्ति के संदिग्ध लगने पर शर्तकता बरतें और जल्द से जल्द वहां से निकलने का प्रयास करें। आस-पास किसी अपराधिक गतिविधि होने पर तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम को सूचित करें। अपराधकारित होने पर अपराधियों से डरने की बजाय पुलिस को शिकायत करें।
इनका कहना है: अपराधियों की गतिविधियों पर पुलिस की नजर है। अपराध की रोकथाम के लिए अभियान के तहत प्रतिदिन कार्रवाई की जा रही है।
अशोक कुमार गुप्ता, पुलिस कमिश्नर (प्रथम)।
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