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भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने संगठित अपराध, आतंकवाद, मादक पदार्थों की तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग, ऑनलाइन कट्टरपंथ, साइबर सक्षम वित्तीय अपराधों से निपटने एवं सही समय पर इन अपराधों को रोकने हेतु ठोस कार्रवाई के लिए इंटरपोल चैनलों के माध्यम से समन्वय बढ़ाने के लिए कई देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ चर्चा की.
भारत ने अपराध, अपराधियों एवं अपराध से कमाई के लिए किसी भी सुरक्षित आश्रय स्थल से इनकार/अस्वीकार करने की आवश्यकता पर बल दिया है. अंतरराष्ट्रीय न्यायिक क्षेत्रों में सक्रिय आपराधिक संगठनों पर अंकुश लगाने के लिए समन्वित रणनीतियों की आवश्यकता पर विचार-विमर्श किया गया.
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने ऑस्ट्रिया, यूएई, अमेरिका, यूके, नेपाल, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जापान, स्विट्जरलैंड, बांग्लादेश, सिंगापुर एवं जाम्बिया के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ पुलिस सहयोग के मामलों पर विस्तृत चर्चा की. पारस्परिक कानूनी सहायता एवं प्रत्यर्पण अनुरोधों में तेजी लाने हेतु इंटरपोल चैनलों के माध्यम से आपराधिक जानकारी को बेहतर ढंग से साझा करने पर चर्चा की गई.
भारत ने इंटरपोल के विजन 2030 को अपनाने एवं इंटरपोल फ्यूचर काउंसिल के गठन का भी समर्थन किया. भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने समन्वय के तंत्र को मजबूत करने पर इंटरपोल, यूरोपोल, प्रशांत द्वीप पुलिस संगठन के प्रमुखों एवं अमेरिकी वायु सेना विशेष जांच कार्यालय के वरिष्ठ कर्मियों के साथ भी चर्चा की.
महासभा इंटरपोल की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है एवं वैश्विक सुरक्षा, उभरती अपराध प्रवृत्तियों व अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग के मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए इसकी सालाना बैठक होती है.
सीबीआई को भारत में इंटरपोल के लिए राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो के रूप में नामित किया गया है एवं यह इंटरपोल चैनलों के माध्यम से भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों की सभी अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग आवश्यकताओं का समन्वय करता है. भारत, 1949 में इंटरपोल में शामिल हुआ और संगठन का सक्रिय सदस्य रहा है.
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