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khaskhabar.com : बुधवार, 28 दिसम्बर 2022 4:33 PM
कोप्पल (कर्नाटक) | कर्नाटक पुलिस ने एक लड़की को देवदासी प्रथा में धकेलने के मामले में उसके माता-पिता, बहन और उसके पति को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। बता दें, देवदासी प्रथा के तहत कुंवारी लड़कियों को ईश्वर के साथ उन्हें मंदिरों को दान कर दिया जाता था। यह अब कानूनी रुप से अवैध है।
पुलिस के मुताबिक, घटना कोप्पल के पास हुलीगी में हुलीगम्मा मंदिर की है, जहां आरोपियों ने अपनी बेटी को भगवान की सेवा में समर्पित करने की देवदासी प्रथा निभाई।
मामला मई का बताया जा रहा है, लेकिन घटना अब सामने आई है, जिसके बाद आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज की गई थी।
इस संबंध में शिकायत दर्ज कराने वाली मुनीराबाद थाना पुलिस ने आरोपी व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया है। देवदासी पुनर्वास परियोजना अधिकारी पूर्णिमा की शिकायत पर पुलिस कार्रवाई की गई।
देवदासी को पहले एक महिला कलाकार के रूप में जाना जाता था, जो भगवान और कला की सेवा के लिए समर्पित थी। लेकिन यह महिलाओं के शोषण का एक उपकरण बन गई और समाज ने उन्हें वेश्याओं के रूप में इस्तेमाल किया।
कर्नाटक में, देवदासी प्रथा 10 सदियों से प्रचलित थी। देवदासी प्रथा के खिलाफ आंदोलन देश में 1882 की शुरूआत में शुरू हुआ था। देवदासी प्रथा को गैरकानूनी घोषित करने की पहली कानूनी पहल 1934 के बॉम्बे देवदासी संरक्षण अधिनियम और 1947 में मद्रास देवदासी (समर्पण की रोकथाम) अधिनियम से हुई थी। देवदासी प्रथा को औपचारिक रूप से 1988 में पूरे भारत में गैरकानूनी घोषित कर दिया गया था।
जागरूकता कार्यक्रमों और समर्पित परियोजनाओं के बावजूद रस्मों-रिवाज की आड़ में देवदासी प्रथा अभी भी कर्नाटक के साथ-साथ देश के अन्य हिस्सों में मौजूद है।
(आईएएनएस)
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Web Title-Girl pressured into Devadasi apply in Karnataka, dad and mom and relations arrested
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