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khaskhabar.com : सोमवार, 20 मार्च 2023 7:03 PM
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने दो जालसाजों को गिरफ्तार किया है। इसी के साथ ही पुलिस ने साइबर ठगी के एक अनोखे तौर-तरीके का खुलासा किया है, जिसमें आरोपी ने एक पीड़ित का डुप्लीकेट मोबाइल सिम कार्ड प्राप्त किया और उसके खाते से सभी पैसे ट्रांसफर कर दिए। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी है। आरोपियों की पहचान उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के रहने वाले यतीश कुमार और मैनपुरी जिले के रहने वाले धर्मेंद्र कुमार उर्फ रमन यादव के रूप में हुई है।
पुलिस के मुताबिक, शाहदरा के साइबर पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी जिसमें शिकायतकर्ता रिजवान आलम ने आरोप लगाया था कि उसने लोन लिया था, जिसे चुकाने के लिए उसने एक छोटी सी दुकान बेची और उसके द्वारा जमा किए गए कुल 5 लाख रुपये बिना किसी ओटीपी प्राप्त किए कई यूपीआई लेनदेन के माध्यम से उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक खाते से काट लिए गए थे।
जांच के दौरान, एक पुलिस टीम ने बैंकिंग डिटेल एकत्र की जिसमें धोखाधड़ी की राशि को स्थानांतरित किया गया था और पाया कि पूरी राशि फेडरल बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और एचडीएफसी बैंक में तीन खातों में स्थानांतरित की गई थी।
शाहदरा के डीसीपी रोहित मीणा ने कहा कि बैंक खाते यतीश के नाम से पंजीकृत पाए गए। बैंक स्टेटमेंट का विश्लेषण किया गया और पाया गया कि अधिकतम राशि नकद में निकाली गई थी। यतीश को बिजनौर जिले में उसके गांव पदमपुर से छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ के दौरान, यतीश ने खुलासा किया कि उसने सनी ऋण ऐप से ऋण लिया था और जब वह समय पर ईएमआई का भुगतान करने में सक्षम नहीं था, तो उसे वसूली एजेंटों द्वारा परेशान किया गया था।
डीसीपी ने कहा कि यतीश ने नौकरी देने के लिए सनी लोन ऐप के एजेंटों से बात करना शुरू किया, जिसके माध्यम से वह ईएमआई का भुगतान करेगा और फिर वह धर्मेंद्र के संपर्क में आया, जो केवल व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से जुड़ा हुआ था।
धर्मेंद्र ने यतीश को उनके लिए काम करने और उन्हें खाते का डिटेल देने की पेशकश की, जिसके लिए उन्हें 50,000 रुपये मिलेंगे। अधिकारी ने कहा, धर्मेंद्र को महिपालपुर में ट्रेस किया गया और गिरफ्तार कर लिया गया।
धर्मेंद्र ने पुलिस को बताया कि उसने नोएडा के सेक्टर-63 स्थित वोडाफोन के एक कैनोपी से शिकायतकर्ता की फर्जी आईडी पर सिम खरीदा, फिर उस नंबर का उपयोग करके फोनपे और मोबाइल बैंक एप्लिकेशन को एक्टिव किया।
उक्त नंबर का उपयोग करके फोनपे इंस्टॉल करने के बाद, उन्हें एक मोबाइल नंबर रिचार्ज करने की सूचना मिली जिसके माध्यम से उन्होंने सोचा कि यह शिकायतकर्ता के परिवार का नंबर होगा। फिर उसने उस नंबर पर संपर्क किया और बताया कि वह उज्जीवन बैंक से बोल रहा है और कुछ तकनीकी समस्या के कारण वह अपना चेक जारी नहीं कर पा रहा है।
डीसीपी ने कहा कि धर्मेंद्र ने डेबिट कार्ड फोटो और आधार कार्ड डिटेल प्राप्त की। फिर उसने ठगे गए पूरे पांच लाख रुपए यतीश के खाते में ट्रांसफर कर दिए और अपना हिस्सा देकर उससे नगदी ले ली। फिर सारा कैश अपने आईडीएफसी बैंक में जमा करा दिया। जांच के दौरान, ठगी गई राशि को जब्त कर लिया गया और जल्द ही शिकायतकर्ता को वापस कर दिया जाएगा।
डीसीपी ने कहा कि जांच के दौरान धर्मेंद्र को चीनी ऋण आवेदन से भी जुड़ा पाया गया और चीनी लोगों के सीधे संपर्क में था जिसकी जांच की जा रही है।
–आईएएनएस
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Web Title-Money withdrawn from checking account utilizing duplicate sim card, two arrested
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