Home Crime दिल्ली में किडनी धोखाधड़ी रैकेट में शामिल 2 लोग गिरफ्तार

दिल्ली में किडनी धोखाधड़ी रैकेट में शामिल 2 लोग गिरफ्तार

0
दिल्ली में किडनी धोखाधड़ी रैकेट में शामिल 2 लोग गिरफ्तार

[ad_1]

1 of 1

Two held in kidney cheating racket in Delhi - Delhi News in Hindi




नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने बुधवार को दिल्ली के प्रमुख अस्पतालों में इलाज कराने के नाम पर ठगी करने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया है। दिल्ली के प्रमुख अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट कराने के नाम पर दोषियों ने मुंबई के एक डॉक्टर से 10 लाख रुपये की ठगी की। दिल्ली पुलिस ने बताया कि दोनों धोखेबाज किडनी रैकेट का हिस्सा हैं, जो राजधानी के अस्पतालों में इलाज कराने के नाम पर लोगों से ठगी कर रहे हैं।

अपराधियों ने मुंबई के एक डॉक्टर को धोखा दिया जो किडनी की बीमारी से पीड़ित थे और उन्हें किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत थी। दिल्ली पुलिस ने कहा कि मुंबई के सर्जन डॉ. राजीव चंद्रा दोनों किडनी की जन्मजात बीमारी से पीड़ित हैं, जिसके लिए एक नेफ्रोलॉजिस्ट ने उन्हें किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी थी।

डॉक्टर अखबार में छपे विज्ञापनों के जरिए करण नाम के शख्स के संपर्क में आए थे। आरोपियों ने किडनी प्रत्यारोपण के लिए उन्हें 27 अगस्त को दिल्ली में मिलने के लिए बुलाया था।

करण ने डॉक्टर से मुलाकात की और किडनी ट्रांसप्लांट के लिए 6 लाख रुपये एडवांस में मांगे। हालांकि डॉक्टर ने उन्हें 3.5 लाख रुपये दिए। प्रत्यारोपण की प्रक्रिया शुरू करने के लिए डॉक्टर ने उन्हें सितंबर में अग्रिम भुगतान के रूप में एक लाख और दिए। दिल्ली पुलिस के अनुसार, करण ने डॉक्टर को सूचित किया कि 19 सितंबर को दिल्ली के एक प्रमुख अस्पताल में उनकी सर्जरी तय की गई है।

सर्जरी से एक दिन पहले करण ने डॉ. राजीव को फोन किया और प्रक्रिया शुरू करने के लिए फीस देने के नाम पर 5 लाख रुपये और मांगे। डॉ. राजीव ने उन्हें दिल्ली के एक अस्पताल के बाहर 5 लाख रुपये दिए। अपराधी करण ने डॉक्टर और उसकी पत्नी को पैसे लेकर अस्पताल के अंदर प्रवेश प्रक्रिया में जाने की सलाह दी। हालांकि, वह खुद उनके साथ नहीं गया।

जब डॉ. राजीव को अस्पताल में प्रवेश की अनुमति नहीं मिली, तब उन्होंने करण को फोन करना शुरू कर दिया, लेकिन उसका फोन लगातार बंद रहा।

इसके बाद राजीव चंद्रा ने क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई। पूछताछ के बाद धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया और एसओएस-द्वितीय, अपराध शाखा, दिल्ली में जांच की गई। एसीपी डॉक्टर विकास श्योकंद की देखरेख में इंस्पेक्टर प्रदीप पालीवाल के नेतृत्व में दिल्ली पुलिस की एक टीम गठित की गई।

जांच के दौरान पुलिस टीम को पता चला कि करण का असली नाम यूपी के अलीगढ़ का रहने वाला विपिन था। क्राइम ब्रांच ने जाल बिछाकर विपिन को 19 अक्टूबर को कानपुर में पकड़ लिया। (आईएएनएस)

ये भी पढ़ें – अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे



[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here