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गौरतलब है कि झाड़ोल मूल की 32 वर्षीया भानुप्रिया की मुलाकात देहली गेट स्थित हनुमान मंदिर के पुजारी राहुल राज चतुर्वेदी से चार साल पहले हुई थी। दोनों साथ रहने लगे लेकिन कुछ महीने बाद उनके बीच झगड़ा होने लगा तो राहुल ने भानुप्रिया की हत्या कर दी और उसका शव लोहे के एक ड्रम में डालकर उस पर सीमेंट का लेप चढ़ा दिया था। हत्या के दो साल बाद जब ड्रम का तला गल गया तो उसमें से बदबू उठने लगी तो उसने अपने मकानमालिक के सहयोग से ड्रम बाहर निकाला और उसे आग के हवाले कर दिया।
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