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जयपुर में सीआईडी ने फर्जी पुलिसकर्मी दल पकड़ा, सात बदमाश गिरफ्तार

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जयपुर में सीआईडी ने फर्जी पुलिसकर्मी दल पकड़ा, सात बदमाश गिरफ्तार

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CID caught fake policeman team in Jaipur, seven crooks arrested - Jaipur News in Hindi




जयपुर। क्राइम इन्वेस्टीगेशन डिपार्टमेंट (सीआईडी) अपराध शाखा की स्पेशल टीम ने सिंधी कैम्प थाना पुलिस के सहयोग से एक होटल के कमरे में फर्जी पुलिसकर्मी बन रुपये दुगने करने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह के सात बदमाशों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने गिरोह के कब्जे से ठगी के 8.59 लाख रुपए, खाकी वर्दी सहित एक बोलेरो जब्त की गई है। फिलहाल आरोपितो से पूछताछ की जा रही है।

पुलिस महानिदेशक (अपराध) एम एल लाठर ने बताया कि पकड़े गये बदमाश भवानीमण्डी झालावाड़ निवासी शिव शंकर पाटीदार (55), रामानन्द पाटीदार (30), सतीश बैरवा (29), नेपाल सिंह (32), धीरज सिंह (27) एवं राहुल नाथ (20) तथा मलसीसर झुंझुनूं निवासी विकास वर्मा (39) है। गिरोह के लोग फर्जी पुलिसकर्मी बन लोगो से लाखों रुपये की ठगी करते है। गिरोह से पुलिस की वर्दी व एक बोलेरो तथा ठगी की रकम 8 लाख 59 हजार रुपये नकद भी बरामद किये है। फिलहाल पुलिस गिरोह से पूछताछ कर रही है। गिरोह से राजस्थान के अन्य शहरों में की गई वारदातों के खुलासा होने की संभावना है।

पुलिस महानिदेशक (अपराध) एम एल लाठर ने बताया कि क्राइम ब्रांच को राजधानी में ठगी करने वाले गिरोह के सक्रिय होने की सूचना मिली थी। इस पर पुलिस महानिरीक्षक क्राइम ब्रांच वी के सिंह के निर्देशानुसार पुलिस उप अधीक्षक पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ के नेतृत्व में थानाधिकारी राम सिंह व हेड कांस्टेबल दुष्यंत सिंह की टीम गठित की गई। क्राइम ब्रांच की टीम ने तकनीकी सहायता व आसूचना संकलन कर सिंधी कैम्प थानाधिकारी जुल्फिकार अली व उनकी टीम का सहयोग ले ठगी के इतने बड़े रैकेट का खुलासा किया।

लाठर ने बताया कि राज्य अपराध शाखा की स्पेशल टीम को सिंधी कैम्प इलाके के एक होटल में रुपये दुगना करने के नाम पर ठगी की सूचना पर स्थानीय पुलिस के सहयोग से होटल में दबिश देकर थाना हरमाड़ा इलाके के नीँदड गांव निवासी बाबू लाल सैनी के साथ करीब 9 लाख की ठगी कर रहे सभी ठगों को पकड़ लिया गया। इस संबंध में पीडि़त बाबू लाल ने सिंधीकैम्प में मुकदमा दर्ज किया गया।

आरोपितो से पूछताछ में सामने आया कि गिरोह दो टीम बना कर काम करती है। पहली टीम पैसे वाले भोले भाले लोगों को तलाश कर उन्हें रुपये दुगना करने का लालच देती है। शुरुआत में कम रकम को दुगना कर शिकार को फंसाते है। विश्वास में लेकर बाद में लाखों रुपये की राशि दुगना करने के लिए एकांत जगह पर मंगाते है। जहां रुपये दुगना करने की इनकी प्रक्रिया के दौरान दूसरी टीम फर्जी पुलिसकर्मी बन पहुंचती है, जो सारी रकम लेकर पीडि़त को धमका कर भगा देते है।

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